IAS News: आईएएस सस्पेंडः मंत्री के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस करने पर आईएएस को जब किया गया सस्पेंड, जानिये पूरा डिटेल
IAS News: रायपुर। छत्तीसगढ़ बनने के 24 साल में ब्यूरोक्रेसी के कई रोचक किस्से रहे हैं। मगर आज जो बताने जा रहे हैं, वह प्रशासनिक अफसरों की मर्यादा और आचरण से जुड़ा है। छत्तीसगढ़़ के आईएएस अफसर ने मर्यादा की लक्ष्मण रेखा लांघी तो उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।
बात 18 साल पहले अक्टूबर 2006 की है। उस समय पर्यटन बोर्ड में 1986 बैच के आईएएस अजयपाल सिंह एमडी थे। उनकी लाइफस्टाईल अलग किस्म की थी। बाहर से आने वाले मित्रों के साथ वे सैर-सपाटे पर बस्तर की वादियों में निकल जाते थे। उस समय बृजमोहन अग्रवाल पर्यटन मंत्री थे। अजयपाल सिंह पर आरोप लगे कि उनके पर्यटन बोर्ड के एमडी बनने के बाद अनाप-शनाप खर्चे तेजी से बढ़ गए थे। मनमाने खर्चे का मंत्री बृजमोहन ने सार्वजनिक तौर पर विरोध किया था। इसके कुछ महीने बाद अक्टूबर 2006 का महीना रहा होगा। अजयपाल के बारे में मीडिया में खबरें आई कि बस्तर के पर्यटन बोर्ड के रिसोर्ट में कुछ लड़़कियों के साथ रुके और वहां बड़ी पार्टी हुई। अखबारों में उसकी फोटूएं भी छपी। अजयपाल पर यह भी आरोप लगा कि एक बार विभागीय मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बस्तर दौरे में वे टूरिज्म के रिसोर्ट में नशे में पाए गए और मंत्री से उनका हॉट टॉक हो गया।
मंत्री बृजमोहन नाराज
बताते हैं, मंत्री और एमडी में शुरू से पटरी नहीं बैठ रही थी। अजयपाल मंत्री को ज्यादा भाव नहीं देते थे। वैसे भी पूरी सर्विस उन्होंने अपने हिसाब से की। बहरहाल, रिसोर्ट में लड़कियों के साथ गुलछर्रे उड़ाए जाने की खबर आने के बाद मंत्री बृजमोहन ने तीखा विरोध जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री से एमडी अजयपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इससे अजयपाल सिंह नाराज हो गए। अजयपाल ने मंत्रालय में राजधानी रायपुर के पत्रकारों को बुलाकर मंत्री के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस ले ली। इसमें उन्होंने बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ खुलेआम आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका आरोप यह भी था कि मीडिया में जानबूझकर खबरें छपवाई जा रही हैं।
चार घंटे में सस्पेंड
विभागीय मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर पर्यटन बोर्ड के एमडी के सनसनीखेज आरोप लगाने की खबर जैसे ही मार्केट में आई, सत्ता के गलियारों में हड़कंप मच गया। उस समय सोशल मीडिया था नहीं। रिजनल टीवी चैनल भी अपने शुरूआत दिनों में थे। अगले दिन अखबारों के फ्रंट पेज में प्रमुखता से यह खबरें छपती, उससे पहले ही रमन सिंह ने अजयपाल सिंह को सस्पेंड कर दिया था। असल में, कोई एमडी अपने मंत्री के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस कर आग उगल दे तो ये बातें तो सरकार तक पहुंचनी ही थी। हालांकि, तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और वन और पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल में रिश्ते उस समय भी कोई ज्यादा प्रगाढ़ वाले नहीं थे। मगर बात आईएएस के कदाचरण की थी, इसलिए अफसर के बगावती बोल की खबर मिलते ही रमन सिंह ने उस समय के सिकरेट्री टू सीएम विवेक ढांड को बुलवाया और अजयपाल सिंह को निलंबित करने का नोटशीट तैयार करने का फारमान सुना दिया। आधे घंटे के भीतर ढांड नोटशीट लेकर रमन सिंह के सामने खड़े थे। रमन सिंह ने उस पर हस्ताक्षर कर दिया और छत्तीसगढ़ के निर्माण के बाद पहला आईएएस सस्पेंड हुआ।
पारिवारिक जीवन भी ठीक नहीं
अजयपाल सिंह के बैचमेट ने एक बार बताया था कि अजयपाल शुरू में मेधावी स्टूडेंट रहा। मसूरी ट्रेनिंग के दौरान विभिन्न गतिविधियों में बढ़़ चढ़कर हिस्सा लेता था। बहरहाल, अजयपाल की पत्नी ने घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था। उनकी पत्नी अपनी बेटियों को लेकर मंत्रालय में उच्चाधिकारियों के पास अपनी फरियाद लेकर आती थीं।
कंप्लसरी रिटायरमेंट
अजयपाल सिंह को शुरू में अच्छी पोस्टिंग मिली थी। बाद में विवादों में आने के बाद वे लंबे समय तक अघोषित छुट्टी पर रहे। जब लौटे तो उन्हें राजस्व बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया। वे कई साल तक इस पद पर बिलासपुर में पोस्टेड रहे। वहां भी सर्किट हाउस में प्रिय कुत्ते के लिए अलग से रुम बनाने को लेकर मीडिया में चर्चा में रहे। 2017 में विवेक ढांड की अध्यक्षता में बनी सर्विस रिव्यू कमेटी की अनुशंसा पर भारत सरकार ने अजयपाल सिंह को कंप्लसरी रिटायरमेंट दे दिया।
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