अनुसूचित जाति आयोग के निर्देश पर आरोपियों के विरुद्ध FIR दर्ज
उत्तर प्रदेश के अमेठी में बाजार शुकुल थाना क्षेत्र में गिरोह बनाकर अराजकतत्वों ने दलितों का जीना दुश्वार कर रखा है।
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के निर्देश में ऐसे आरोपियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
पूर्व में भी अराजकतत्वों पर बलवा, मारपीट समेत संपत्ति क्षति निवारण सहित तीन मामले दर्ज हैं।
बाजार शुकुल थाना क्षेत्र का मामला
जानकारी के अनुसार ताजा मामला बाजार शुक्ल थाना क्षेत्र के सिधौली गांव का है।
गांव निवासी श्यामलाल पुत्र राम आनंद ने प्रार्थना पत्र देकर उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत की थी कि बीते 14 नवंबर 2021 को शिकायतकर्ता व साहबदीन पुत्र रामसमुझ एवं मूलचंद पुत्र बैजनाथ के साथ ग्रामसभा की सार्वजनिक जमीन पर उगे सरपत काट रहा था।
तभी गांव के भगौती प्रसाद पुत्र हनुमान दत्त अपने पुत्रों रविशंकर, विजय शंकर व दिवाकर पुत्र जगदीश तिवारी, दीपचंद पुत्र दिवाकर तिवारी के साथ पहुंचे और जमीन व सरपत को अपनी निजी संपत्ति बताते हुए जातिसूचक गंदी-गंदी गालियां व अपराधिक धमकिया दिये एवं बहुत ही अपमानित था।
सार्वजनिक स्थान पर अपमानित कर वहां से भगा दिया। जिसके बाद पीड़ित ने पूरे मामले की जानकारी प्रार्थना पत्र के माध्यम से थाने पर दी
लेकिन काफी दिनों थाने का चक्कर काटने के बाद भी थाने की पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने में आना-कानी करते हुए रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
बलवा और मारपीट का केस दर्ज
जिसके बाद पीड़ित ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग में शिकायत किया।
25 जनवरी 2022 को प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक को मामले में रिपोर्ट दर्ज करने की अपील की।
जिस पर आयोग ने मामले में 25 मार्च 2022 को डाक संख्या 8553 द्वारा रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश किया। 13 मई 2022 को पुलिस ने मामले में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करते हुए धारा 147, 504, 506 करते हुए एससीएसटी की कार्यवाही की है।
पूर्व में हुई यह कार्रवाई
ज्ञात हो कि बाजार शुक्ल थाने के सिधौली गांव निवासी आरोपी भगौती प्रसाद पुत्र हनुमान दत्त, उर्मिला पत्नी भगौती प्रसाद, अजय शंकर, रविशंकर, विजय शंकर पुत्र भगौती प्रसाद, दिवाकर पुत्र जगदीश तिवारी, दीपचंद पुत्र दिवाकर पर 2015 में मारपीट व बलवा, 2012 में मारपीट व संपत्ति क्षति निवारण, 2021 में संगठन बना मारपीट करने, जानलेवा हमला करने सहित संपत्ति क्षति निवारण व 2022 में एससीएसटी के तहत विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है।
आपको बता दें कि उपरोक्त आरोपित लोग गांव में अपना दहशत बना कर रखना चाहते हैं।
आये दिन ग्रामीणों के साथ मारपीट गाली गलौज करते रहते हैं।