परंपरा: द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद

परंपरा: द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद

25 नवंबर को श्री मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी

25 नवंबर को पारंपरिक श्री मद्महेश्वर मेला आयोजित मेला होगा आयोजित

संवाददाता

उखीमठ/ रूद्रप्रयाग। पंच केदारों में से विख्यात द्वितीय केदार भगवान श्री मद्महेश्वर जी के कपाट शीतकाल हेतु आज प्रात: आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो गये। पुजारी शिव लिंग चपटा ने पूजा- अर्चना के बाद भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप देकर कपाट बंद किये।

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि इस अवसर पर श्री मद्महेश्वर डोली यात्रा प्रभारी पारेश्वर त्रिवेदी,  समालिया मृत्यंजय हीरेमठ सहित गौडार ग्राम के श्रद्धालु, तहसील प्रशासन, वन‌विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे। श्री मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली के स्वागत हेतु देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, पुजारी,  देवानंद गैरोला आरसी तिवारी, यदुवीर पुष्पवान, प्रेम सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के पश्चात भगवान मद्महेश्वर जी की चलविग्रह डोली आज गौंडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया प्रवास करेगी।

25 नवंबर को चल विग्रह डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी तथा परंपरागत मद्महेश्वर मेला आयोजित होता है। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित महत्वपूर्ण लोगों के पहुंचने का संभावित कार्यक्रम भी है।

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