पत्रकारों पर सरकार की निगहबानी हुई कोताही तो मान्यता होगी निलंबित

पत्रकारों पर सरकार की निगहबानी हुई कोताही तो मान्यता होगी निलंबित

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार पत्रकारों पर निगहबानी को समिति का गठन करने जा रही है। देश की सुरक्षा, अखंडता और मानहानि समेत कई मामलों में अनदेखी करना अब पत्रकारों की मान्यता पर संकट खडा कर देगा।

अब कोई पत्रकार या मीडिया संस्थान भारत सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं लिख पायेगा। इसके लिए भारत सरकार ‘केंद्रीय मीडिया मान्यता समिति (सीएमएसी) नामक एक समिति का गठन करने जा रही है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) ने मान्‍यता प्राप्‍त मीडियाकर्मियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि यदि कोई पत्रकार देश की सुरक्षा, संप्रभुता अथवा उसकी अखंडता के साथ कोई खिलवाड़ करेगा तो उसकी मान्‍यता रद कर दी जाएगी।

इसमें सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता के लिए हानिकारक तरीके से काम करने के साथ-साथ अदालत की अवमानना, मानहानि या अपराध के लिए उकसाना भी शामिल है।
‘केंद्रीय मीडिया प्रत्यायन दिशा-निर्देश-2022’ की सोमवार को घोषणा की गई और इसके तहत ऑनलाइन समाचार मंचों के लिए काम कर रहे पत्रकारों की मान्यता के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

इसके तहत यदि किसी पत्रकार या उसके मीडिया संस्थान को फर्जी दस्तावेज या गलत सूचना देते पाया जाता है तो उसकी मान्यता कम से कम दो वर्ष और अधिकतम पांच साल के लिए निलंबित कर दी जाएगी।
ऑनलाइन न्यूज प्लेटफॉर्म्स के लिए नई नीति के तहत मान्यता के लिए आवेदन करने वाले डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता), 2021 के नियम 18 के तहत सूचना और प्रसारण मंत्रालय को आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करनी होगी और नियमों का उल्लंघन नहीं करना होगा।
यदि कोई आवेदक या मीडिया संगठन झूठी, धोखाधड़ी या जाली जानकारी देने वाले दस्तावेजों की आपूर्ति करता पाया जाता है तो उसके प्रतिनिधि को अधिकतम पांच साल तक मान्यता से वंचित कर दिया जाएगा। इसके अलावा इन दिशानिर्देशों के तहत एक पत्रकार सोशल मीडिया, विजिटिंग कार्ड या लेटरहेड पर ‘भारत सरकार से मान्यता प्राप्त’ जैसे शब्दों का उल्लेख नहीं कर सकता है।
इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि भारत सरकार ‘केंद्रीय मीडिया मान्यता समिति (सीएमएसी) नामक एक समिति का गठन करेगी, जिसकी अध्यक्षता पत्र सूचना आयोग (पीआईबी) के प्रधान महानिदेशक करेंगे और इसमें भारत सरकार द्वारा नामित 25 सदस्य तक हो सकते हैं, जो इन दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित कार्यों का निर्वहन करेंगे।

aastha news

admin

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