ऐसा कौन सा देश है जो कभी किसी का गुलाम नहीं हुआ

ऐसा कौन सा देश है जो कभी किसी का गुलाम नहीं हुआ

पूरी दुनिया में एकमात्र नेपाल ही एक ऐसा देश है, जो आजतक किसी भी देश का गुलाम नहीं बना है।

यही वजह ही कि यहां किसी भी तरह का स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है।

जानिए इस देश की कुछ अनोखी बातें।

नेपाल से हमारा एक ऐसा नाता है, जहां हम बिना किसी वीजा-पासपोर्ट के घूमकर आ सकते हैं। नेपाल की संस्कृति और आबोहवा लोगों को इस कदर आकर्षित करती है कि लोग यहां अक्सर घूमने के लिए आते रहते हैं।

पूरी दुनिया में एकमात्र नेपाल ही एक ऐसा देश है, जो आजतक किसी भी देश का गुलाम नहीं बना है।

यही वजह ही कि यहां किसी भी तरह का स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है।

आप सिर्फ इतनी सी बार सुनकर चौक गए होंगे, तो चलिए आज फिर इस देश की कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं, जिसके बारे में आप शायद सुनकर चौक जाए।

अगर आपको लगता है कि नेपाल पर्वतारोहण के लिए प्रसिद्ध एक छोटा देश है, तो गलत नहीं हैं।

लेकिन शायद आपको जानकार हैरानी, लेकिन देश के राजधानी शहर, काठमांडू में, 15 किमी के दायरे में सात यूनेस्को विश्व धरोहर सांस्कृतिक स्थल हैं।

इसे लिविंग कल्चरल म्यूजियम के रूप में भी दूसरा नाम दिया गया है। इसके अलावा, नेपाल में यूनेस्को द्वारा चार मान्यता प्राप्त विश्व धरोहर स्थल है, जो इसे सबसे ज्यादा विरासत स्थल वाला देश बनाते हैं

लड़कियों की देवी के रूप में की जाती है पूजा –

कभी आपने जीती जागती देवी को देखा है? अगर नहीं देखा तो एक बार नेपाल जाकर देख लीजिए।

यहां आपको जीती जागती देवी के दर्शन हो जाएंगे। यहां की देवी को ‘कुमारी’ के रूप में भी जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है कुंवारी।

प्यूबर्टी से पहले लड़कियों को देवी तालेजु के रूप में माना जाता है। कुवांरी देवियां मंदिरों में रहती हैं और त्योहारों के दौरान उनकी पूजा की जाती है और रथों पर परिक्रमा लगवाई जाती है। हालांकि, प्यूबर्टी खत्म होने के बाद या बीमारी या एक्सीडेंट का शिकार होने पर उनको इससे रिटायर कर दिया जाता है।

जब भी हमें पता चलता है कि हमारी घडी औरों के मुकाबले पीछे या आगे चल रही है। हम झट से उसे ठीक करने लग जाते हैं।

लेकिन नेपाल के लोगों को इससे फर्क नहीं पड़ता। नेपाल का समय माउन्ट एवरेस्ट के आधार पर तय होता है, जिस वजह से यहां का समय दुनिया के अन्य हिस्सों के मुकाबले 45 मिनट पीछे रहता है।

क्या आप विश्वास करेंगे कि 147,181 वर्ग किमी के इस छोटे से देश में कभी भी जातीयता को लेकर दंगे नहीं हुए।

साउथ एशिया का पुराना देश होने की वजह से यहां 123 भाषाएं और 80 जातीय समूह है। नेपाल में कभी भी धर्म या जातीयता के आधार पर दंगे नहीं हुए।

यहां इस लिहाज से काफी शांति देखी जाती है।

नेपाल एकमात्र ऐसा देश है, जहां का झंडा आपको दो त्रिभुज आकार में दिख जाएगा।

ऊपरी त्रिकोण में चंद्रमा की फोटो है, जबकि निचले त्रिकोण में नेपाल, हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के दो प्रमुख धर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाला सूर्य है।

हालांकि इस झंडे को 1962 में स्थापित किया गया था, डिजाइन 2000 साल पुराना कहा जाता है। नेपाल का ये झंडा हिमालय का भी प्रतिनिधित्व करता है।

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