Janjgir News: CG जीवनभर नहीं निभाया पति का धर्म, मृत्यु के बाद फर्जीवाड़ा कर हड़प ली GPF की राशि: अब जाना पड़ेगा जेल..
Janjgir News: जांजगीर-चांपा। जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ बीईओ कार्यालय में एक रोचक मामला सामने आया है। शिक्षिका की जीपीएफ सहित अन्य राशि के भुगतान को लेकर पति ने बीईओ व विभागीय कार्यालय के दो क्लर्क के साथ दस्तावेजों में कूटरचना कर दी। दरअसल शिक्षिका ने युवराज सिंह को अपना दत्तक पुत्र घोषित करने के साथ ही उत्तराधिकारी बनाया था। शिक्षिका के पति का नाम युवराज सिंह ठाकुर है। पति ने हमनाम का जमकर फायदा उठाया।
पामगढ़ बीईओ कार्यालय में पदस्थ तत्कालीन बीईओ व दो क्लर्क के साथ शिक्षिका पत्नी के सर्विस बुक में कूटरचना कर दी। कूटरचना के बाद बीईओ ने शिक्षिका की जीपीएफ सहित अन्य राशि का भुगतान दत्तक पुत्र युवराज सिंह चंदेल के बजाय शिक्षिका के पति युवराज सिंह ठाकुर को कर दिया। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने शिक्षिका सुनीता सिंह के सर्विस बुक में कूटरचना के आरोप में तत्कालीन बीईओ,दोनों क्लर्क व पति युवराज सिंह ठाकुर के खिलाफ भादवि की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी., 34 के तहत अपराध दर्ज कर जांच का आदेश दिया है।
आवेदक ने कोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी है कि उनकी मां शिक्षिका सुनीता सिंह की शादी युवराज सिंह ठाकुर के साथ हुई थी, परन्तु सुनीता सिंह कभी भी पत्नी के रूप में उसके साथ नहीं रही और ना ही युवराज सिंह ठाकुर ने सुनीता सिंह के जीवनकाल तक पति धर्म के दायित्व का निर्वहन किया।
क्या है मामला
आवेदक युवराज सिंह चंदेल द्वारा ने न्यायालय में परिवाद पेश कर बताया कि उसकी मां सुनीता सिंह पूर्व माध्यमिक शाला मुलमुला में प्रधान पाठक के पद पर पदस्थ थीं। उनकी मृत्यु 10 जुलाई 2021 को हो गई। दाह संस्कार प्रयागराज में परिवार की मौजूदगी में किया गया। सुनीता सिंह ने आवेदक युवराज सिंह को रजिस्टर्ड गोदनामा व अपनी समस्त चल एवं अचल संम्पत्ति के संबंध में एक वसीयतनामा भी निष्पादित की थी, जिसमें अपनी समस्त चल सम्पत्ति, समस्त अचल सम्पत्ति एवं शासकीय सेवा से प्राप्त होने वाले सभी लाभांश समस्त लंबित स्वत्वों का भुगतान, जीपीएफ, ग्रेच्युटी, जीआईएस का100 प्रतिशत पेंशन व अनुकंपा नियुक्ति का हकदार भी बनाया है।
मां सुनीता सिंह की मृत्यु और अंतिम क्रियाकर्म करने के बाद बीईओ पामगढ़ को आवेदन देकर मां के जीपीएफ सहित सभी राशि के भुगतान की मांग करने के साथ ही अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन पेश किया। बीईओ ने आवेदन लेकर उसे सूचना देकर बुलाने की बात कही। बीईओ द्वारा सूचना ना देने पर जब वह बीईओ कार्यालय जाकर पतासाजी की तब फर्जीवाड़े की जानकारी मिली। मां के सर्विस बुक में छेड़छाड़ कर बीईओ ने पुत्र युवराज सिंह चंदेल के बजाय पति युवराज सिंह ठाकुर को राशि का भुगतान कर दिया है।
अब होगी एफआईआर, खाएंगे जेल की हवा
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव अन्वेश घृतलहरे ने 10 दिसंबर 2021 को बीईओ एसआर रत्नाकर को निलंबित करने का आदेश जारी किया था। निलंबन के कुछ माह बीईओ रत्नाकर सेवानिवृत हो गए। कोर्ट ने तत्कालीन बीईओ एसआर रत्नाकर,लिपिक हेमंत श्रीवास, मालिकराम जानसन और युवराज सिंह ठाकुर के विरुद्ध अपराध दर्ज करने का आदेश थाना प्रभारी पामगढ़ को देते हुए अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है।
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