Ivy gourd: जान लें कुंदरू खाने का फायदा और नुकसान, कुछ बीमारियों में रामबाण तो कुछ में उठाना पड़ सकता है नुकसान

रायपुर, एनपीजी न्यूज। कुंदरू या आइवी लौकी भारतीय भोजन में खास स्थान रखता है। इसे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे टेंडली, कोवाक्काई, डोंडाकाया, टिंडोरा, टोंडे काई, टोरुनी के नाम से भी जाना जाता है। ये सेहत के लिए भी बहुत ही अच्छा होता है। खासतौर पर डायबिटीज, हार्ट डिजीज, स्किन प्रॉब्लम्स, आंतों के कीड़े होने पर इसे खाना बहुत फायदेमंद होता है। हालांकि ये हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं है, इसलिए आज हम बताएंगे कि इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं। किन लोगों को कुंदरू खाना चाहिए और किन लोगों को नहीं।
कुंदरू खाने के फायदे
गंभीर बीमारियों का जोखिम होता है कम- कुंदरू में काफी पोषक तत्व होते हैं। लगभग 100 ग्राम कुंदरू से आपको 3.1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1.4 मिलीग्राम आयरन, 40 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.07 मिलीग्राम विटामिन बी1 और बी2 और 1.6 मिलीग्राम डाइट्री फाइबर मिल जाता है। कुंदरू में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल गुण भी मजौदू होते हैं। इससे शरीर को पर्याप्त पोषण तो मिलता ही है, साथ ही कई गंभीर बीमारियों का जोखिम भी कम होता है।
आंतों के कीड़ों, त्वचा रोगों और मधुमेह के इलाज में फायदेमंद
कुंदरू का जिक्र 5000-6000 ईसा पूर्व के प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। इसका इस्तेमाल कई बीमारियों और संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है। कई प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने पंचकर्म सहित कई तरह की चिकित्सा में इस सब्जी का इस्तेमाल किया है। इसका इस्तेमाल आंतों के कीड़ों, त्वचा रोगों और मधुमेह के इलाज के लिए भी किया जाता था। इस बात की पुष्टि pmc.ncbi.nlm.nih.gov की वेबसाइट पर भी की गई है।
हार्ट डिजीज में कारगर
कुंदरू में बीटा-कैरोटीन भरपूर मात्रा में होता है, जो दिल को स्वस्थ रखता है। इससे हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है। कुंदरू खाने के कई लाभ हैं, जैसे- बेहतर पाचन, गुर्दे की पथरी की रोकथाम, एलर्जी से सुरक्षा, थकान से राहत।
कुंदरू के पौधे का भी महत्व
कुंदरू के पौधे की जड़ों और पत्तियों के रस का उपयोग मधुमेह के इलाज में किया जाता है। पत्तियों का यूज त्वचा के फटने के इलाज में पुल्टिस के रूप में किया जाता है, जबकि पौधे का उपयोग रेचक के रूप में किया जाता है।
कुंदरू खाने से नजर तेज होती है
आइवी लौकी या कुंदरू विटामिन ए और सी का एक बेहतरीन स्रोत है, जो अच्छी दृष्टि बनाए रखने, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसमें फाइबर भी बहुत होता है, जो पाचन के लिए आवश्यक है।
वेट मैनेजमेंट में मददगार
जो लोग अपना वजन नियंत्रित करना चाहते हैं, उनके लिए कुंदरू काफी मददगार हो सकता है। इसमें कैलोरी कम होती है, लेकिन पानी की मात्रा और फाइबर अधिक होता है, जो आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है। ये ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करता है।
सूजन कम करता है कुंदरू, गठिया में भी फायदेमंद
कुंदरू में बीटा-कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। कुंदरू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। विटामिन सी वाइट ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन को भी बढ़ाता है, जो संक्रमण से लड़ने के लिए जरूरी है। कुंदरू को इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है. इसमें विभिन्न फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह गठिया से पीड़ित मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।
कुंदरू खाने के कुछ नुकसान भी हैं, जो इस प्रकार हैं-
- अधिक कुंदरू खाने से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। इससे थकान, सिर दर्द, बेचैनी, और सुस्ती हो सकती है। अगर आपको लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो कुंदरू कम खाएं।
- सर्जरी से पहले या सर्जरी के दौरान कुंदरू खाने से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है। इससे दिक्कत हो सकती है। सर्जरी से कम से कम 2 हफ्ते पहले कुंदरू का सेवन बंद कर देना चाहिए।
- कुंदरू खाने से कुछ लोगों को उल्टी, जी मिचलाना, या त्वचा में एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- गर्भवती महिलाओं या बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को कुंदरू नहीं खाना चाहिए।
- कुंदरू खाने से याददाश्त कमज़ोर हो सकती है।
- कुंदरू खाने से शरीर में वात-पित्त का संतुलन बिगड़ सकता है।
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