Bilaspur News: स्मार्ट सिटी में खेल भी स्‍मार्ट: करोड़ों के क्यूआर कोड को एक्टिव ही नहीं किया, अब डिजिटल डोर नेम प्लेट में फूकेंगे लाखों

Bilaspur News: स्मार्ट सिटी में खेल भी स्‍मार्ट: करोड़ों के क्यूआर कोड को एक्टिव ही नहीं किया, अब डिजिटल डोर नेम प्लेट में फूकेंगे लाखों

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Bilaspur News: बिलासपुर। आनलाइन टैक्स और अन्य बिलों की वसूली के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने हाईटैक बनाने की योजना बनाई। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए लोगों के घरों की दीवारों पर क्यूआर कोड लगाए गए। घरों की दीवारों पर क्यूआर कोड की पट्टी को चिपकाने कहें या फिर लगाने के लिए ठेका हुआ। 8 करोड़ 75 लाख खर्च कर दिए। क्यूआर कोड लगाने और भारी भरकम राशि खर्च करने के बाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड और निगम के अफसरों ने दावा किया कि लोगों को सहुलियत मिल गई है, लिहाजा प्रापर्टी टैक्स से लेकर पानी का बिल भी अब शहरवासी आनलाइन जमा कराएंगे। बिल पेंडिंग भी नहीं रहेगा और निगम का इनकम आफ साेर्स भी बना रहेगा।

दावों पर नजर डालें तो नतीजा देखें तो जीरो। लोगों ने क्यूआर कोड के जरिए टैक्स जमा करने में रुचि ही नहीं दिखाई। अब एक और विफलता देखिए, तकरीबन 45 फीसदी क्यूआर कोड लोगों की दीवारों से गायब हो चूका है। किसने निकाला ये तो निगम और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अफसरों को तो छोड़िए जिनके घर की दीवारों पर यह लगा हुआ था उनको भी नहीं पता।

एक और स्मार्ट योजना,करोड़ों फूंकने की फिर तैयारी

एक बड़ी और महत्वाकांक्षी योजना के फेल हो जाने या फिर शहरवासियों द्वारा नकारे जाने के बाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड और नगर निगम ने अब एक और स्मार्ट प्लानिंग की है। क्यूआर कोड के बाद डिजिटल नेम प्लेट से सुसज्जित बार कोड। डिजिटल नेम प्लेट में मकान मालिक का नाम लिखा रहेगा। बार कोड में वही सब जो क्यूआर कोड में एड किया गया था।

जोनवार सर्वे का काम शुरू,दो में हुआ पूरा

बिलासपुर नगर निगम के सभी आठ जोन में सर्वे किया जा रहा है। दो जोन में सर्वे का काम पूरा होने की जानकारी भी दी जा रही है। जब पूरे जोन में सर्वे पूरा हो जाएगा तब डिजिटल नेम प्लेट लगाने और बार कोड शिफ्ट करने के लिए ठेका दिया जाएगा। ठेका कंपनी के कर्मचारी घर-घर डिजिटल नेम प्लेट लगाने का काम करेंगे।

डिजिटली शहरवासियों को ये मिलेंगी सुविधाएं

स्मार्ट सिटी लिमिटेड और निगम के अफसरों के दावों पर भरोसा करें तो लोगों को आनलाइन टैक्स के अलावा पानी का बिल तो जमा कर ही पाएंगे। मकान का नक्शा से लेकर निगम की सेवाओं से जुड़ी शिकायतें भी संबंधित विभाग में दर्ज कराने की सुविधाएं मिलेंगी।

करोड़ों खर्च के बाद क्यों नहीं किया एक्टिव

स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने केंद्र के फंड से नौ करोड़ खर्च कर घरों में क्यू आर कोड लगावाया था। इसे लगाने के बाद सिस्टम को एक्टिव ही नहीं किया गया। इसे लेकर अब सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब इसे चालू ही नहीं करना था तो करोड़ों रुपये क्यों फूंका गया। आखिर किसे फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया।

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