Bilaspur High Court: पूर्व सीएम के करीबी ने हाई कोर्ट में लगाई जमानत याचिका, सीजे की तल्खी आई सामने, बोले- इट इज ए ह्यूज फ्रॉड
Bilaspur High Court: बिलासपुर। प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार काबिज थी जब छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा लाइम लाइट में रहने वालों में व्यवसायी केके श्रीवास्तव का नाम पहले नंबर पर था। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबियों में उनकी गिनती होती थी।इसी का फायदा उठाकर फ्राड भी किया। धोखाधड़ी के आरोप में रायपुर पुलिस ने केके श्रीवास्तव के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान सीजे की तल्खी और नाराजगी दोनों सामने आई। सीजे ने यहां तक कह दिया यह तो बहुत बड़ा फ्राड है। इट इज ए ह्यूज फ्रॉड। इस टिप्पणी के साथ सुनवाई की तिथि सीजे ने आगे बढ़ा दी है।
अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा कि यह तो पहले याचिका लगा चुका है। याचिका दायर करने के बाद वापस भी ले ली थी। यह तो बहुत बड़ा फ्राड है। धोखाधड़ी के आरोप में फरारी काट रहे केके श्रीवास्तव ने अग्रिम जमानत याचिका पर केके श्रीवास्तव की ओर से पैरवी करने के लिए कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मुरलीधरन छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट पहुंचे थे। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सीजे ने जब इस तरह की टिप्पणी की तब मुरलीधरन ने कहा कि वो दूसरा मामला था। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए मुरलीधरन ने श्रीवास्तव के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर और घटना की तिथियों की ओर कोर्ट का ध्यान दिलाया और इसे ही अग्रिम जमानत के लिए मुख्य आधार भी बनाया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा पेश कि गए तर्कों को सुनने के बाद संबंधित थाने से केस डायरी को तलब किया है। सीजे ने कहा कि केस डायरी आने और अध्ययन के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट होगी। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 7 अक्टूबर की तिथ तय कर दी है ।
पुलिस की कार्रवाई के बाद भूमिगत हो गया श्रीवास्तव
करोड़ों की ठगी मामले में फरारी काट रहे भूपेश बघेल के करीबी के.के श्रीवास्तव की खोज में रायपुर पुलिस ने बिलासपुर में छापेमारी की थी। टीम ने अज्ञेय नगर स्थित उनके घर पर छापा मारा, लेकिन श्रीवास्तव वहां मौजूद नहीं थे। जिसके बाद पुलिस ने लगभग 30 मिनट तक परिवार के सदस्यों से पूछताछ की और इसके बाद रायपुर लौट गई थी । बता दें कि, बीते तीन महीने में रायपुर पुलिस ने कई बार बिलासपुर के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन अभी तक दोनों का कोई सुराग नहीं मिला है।
करोड़ों की ठगी का है आरोप
श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलाने का झांसा दिया था। इस वादे के बदले रावत एसोसिएट्स के मालिक अर्जुन रावत ने 10 से 17 जुलाई 2023 के बीच 15 करोड़ रुपये श्रीवास्तव को दिए थे। हालांकि कंपनी को कोई काम नहीं मिला, जिससे ठगी का मामला सामने आया। इसके बाद कंपनी की ओर से तेलीबांधा थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया। तब से पुलिस श्रीवास्तव और उनकी पत्नी कंचन श्रीवास्तव की तलाश कर रही है।
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