काम की खबर: सिंकाई के लिए गर्म पानी बेहतर या फिर बर्फ, दोनों के गुण-दोष जान लें

काम की खबर: सिंकाई के लिए गर्म पानी बेहतर या फिर बर्फ, दोनों के गुण-दोष जान लें

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रायपुर, एनपीजी डेस्क। पहले डॉक्टर्स चोट पर अधिकतर गर्म पानी से सिंकाई करने की सलाह देते थे, हालांकि अब अधिकतर बर्फ की सिंकाई की सलाह दी जाती है। या फिर कई डॉक्टर कुछ चोटों पर गर्म तो कुछ चोटों पर बर्फ से सिंकाई करने के लिए कहते हैं, ऐसे में लोग इसे लेकर कन्फ्यूज रहते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आपको किस चोट पर गर्म तो किस चोट पर बर्फ से सिंकाई करनी है।

गर्म पानी से सिंकाई से हो सकती है परेशानी

कई बार हमें किन्हीं वजहों से चोट लग जाती है, तो वो जगह नीली पड़ जाती है, साथ ही उसमें काफी दर्द भी होने लगता है। कई बार चोट लगने पर वो हिस्सा सूज भी जाता है। अक्सर हम अपने घरों में देखते हैं कि वहां पर पेरेंट्स गर्म पानी से सिंकाई करने लगते हैं, जबकि इससे उस जगह पर ब्लड क्लॉट यानि खून का थक्का जम जाता है। इसकी वजह से दर्द और सूजन और बढ़ जाती है।

सूजन वाली जगह पर बर्फ से करें सिंकाई

अगर आपको भी कभी चोट लगने वाली जगह पर सूजन हो जाए, तो आप वहां गर्म पानी की जगह बर्फ से सिंकाई करें। बर्फ की सिंकाई से चोट लगने वाले हिस्से में खून का बहाव थोड़ी देर के लिए रुक जाता है, फिर कुछ देर के बाद तेजी से खून का बहाव बढ़ता है। इससे पंपिंग बढ़ती है और हमें दर्द और सूजन में राहत मिलती है।

बर्फ की सिंकाई इन परिस्थितियों में करें

अगर आपको खेलकूद में चोट लग गई हो, पैर मुड़ गया हो, गर्दन में खिंचाव हो गया हो, तो आप बर्फ से सिंकाई करें। जोड़ों में भी अचानक दर्द होने पर बर्फ से सिंकाई करें। चोट लगने के 48 से 72 घंटे यानि 2-3 दिनों तक आप बर्फ से ठंडी सिंकाई करें। 3-4 घंटों के अंतराल पर आप सिंकाई कर सकते हैं, इससे आपको दर्द में राहत मिलेगी। यहां तक कि शरीर के किसी भी हिस्से में पानी भरा हुआ लगे या फिर गर्म महसूस हो, तो भी आप बर्फ से ही सिंकाई करें। चोट पूरी तरह से ठीक हो जाने पर ही गर्म पानी से सिंकाई करनी चाहिए।

अगर शरीर में कहीं चोट लगी हो, तो बर्फ लगाएं। करीब 15-20 मिनट तक आप बर्फ से सिंकाई कर सकते हैं। घुटनों, कोहनियों और कंधों जैसे जोड़ों के दर्द के लिए भी बर्फ ही अच्छा होता है।

इन स्थितियों में करें गर्म पानी से सिंकाई

पुरानी मांसपेशियों के चोट या जैसी दिक्कत पर गर्म पानी से सिंकाई करें। पीरियड्स के समय पेट या निचले हिस्से पर हीटिंग पैड रखने से दर्द में आराम मिलता है। हीटिंग पैड न हो, तो बोतल में गर्म पानी भरकर सिंकाई करें। गर्म सिंकाई से मांसपेशियों को आराम मिलता है।

दरअसल मांसपेशियों में जकड़न, दर्द, जोड़ों में दर्द और जकड़न रहती है, तो आप गर्म पानी से सिंकाई करें। सुबह उठकर गर्दन, कमर या कूल्हों में जकड़न महसूस हो, तब भी आप गर्म पानी से सिंकाई करें। दौड़ने-भागने पर अगर पिंडलियों में दर्द होता है, तो भी आप गर्म सिंकाई करें। आप दिन में दो से तीन बार गर्म पानी से सिंकाई कर सकते हैं। समय करीब 10-15 मिनट तक रखें।

सिंकाई करते समय बरतें कुछ सावधानी

  • बहुत गर्म पानी से सिंकाई नहीं करें, जलने का खतरा है।
  • वहीं अगर बर्फ की सिंकाई करते वक्त स्किन सुन्न होने लगे, तब भी सिंकाई रोक दें।
  • कोई भी दिक्कत हो, एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। तत्काल आराम के लिए आप भले उपाय खुद से अपना लें, लेकिन डॉक्टर आपकी चोट के मुताबिक आपको सही सलाह सजेस्ट करेंगे।
  • 15-20 मिनट से ज्यादा न तो गर्म पानी से सिंकाई करें और न तो बर्फ से।
  • दो सिंकाई के बीच 4-5 घंटे का गैप जरूर रखें।

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