भारी भरकम ट्राले से सुखतवा नदी पर बना पुल टूटा ट्राले सहित पुल का एक हिस्सा नदी में गिरा

भोपाल-नागपुर राजमार्ग पर 138 पहिये वाला ट्रेलर पुल टूटने से गिरा
व्हाट्सऐप्प विश्वविद्यालय में कोरोना से पहले ट्रेन लेट चलने का कारण यह बताया जाता था कि पटरियां पुरानी हो चुकी हैं और उन्हें बड़े पैमाने पर ठीक कराया जा रहा है। इसलिए ट्रेन लेट चल रही है। मानने वालों ने बात मान ली। नहीं मानने वाले कुछ कर नहीं सकते थे। मन की बात सुनते रहे।
बात आई-गई हो गई। दूसरी ओर, सरकार ने क्या काम किया है के जवाब में अक्सर बताया जाता था कि सड़कें बन रही हैं। हालांकि, जो नई सड़कें बनी उनमें ज्योदातर पर टोल लग गया मतलब किसी निजी कंपनी को सड़क सौंप दी गई। उसने मरम्मत की, चौड़ीकरण किया, पैसे लगाए। अब टोल वसूलेगा। मुनाफा कमाएगा। सरकार ने काम तो किया ही है।
खराब सड़क पर आप खटारा गाड़ी से धीरे-धीरे जा सकते थे। अब पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध है। पेट्रोल डीजल के भाव आसमान छू रहे हैं। आपका ख्याल रखने वाली सरकार है। रेल पटरियां दुरुस्त कर चुकी है। सैकड़ों किलोमीटर सड़क बनवा चुकी है।
तो चलिए सौ की रफ्तार पर। लेकिन नहीं, जुर्माना लगेगा और वह भी बढ़ गया। इतना ही होता तो कोई बात नहीं थी। पर 70 साल जब कुछ हुआ ही नहीं तो सरकार क्या-क्या करे। और जहां नहीं करती वहीं गड़बड़ हो जाती है और विपक्षी कूद पड़ते हैं।
अब देखिए – इस पुरानी सड़क पर इतना भारी 138 पहियों वाला ट्रेलर लेकर जाने की क्या जरूरत थी और तुम भी पुरानी सड़क पार कर जाओगे तो नए बने टोल रोड पर क्या बैल गाड़ियां चलेंगी?
भोपाल नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में सुख्त्वा नदी पर बना ब्रिटिश जमाने का पुल गिर गया। 138 पहिये वाला ट्रेलर ट्रक सूखी नदी के किनारे गिरा पड़ा है।
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