History Of Jalebi: सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रही है जलेबी, राहुल गांधी के बयान पर BJP ने ली चुटकी, जानिए जलेबी का इतिहास

History Of Jalebi: सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रही है जलेबी, राहुल गांधी के बयान पर BJP ने ली चुटकी, जानिए जलेबी का इतिहास

Share

History Of Jalebi: हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी की जलेबी खाने की चर्चा जोर-शोर से हो रही है। गोहाना की मशहूर जलेबियों का स्वाद लेने के बाद राहुल गांधी ने मंच से कहा कि जलेबी के कारखाने लगाए जाएंगे, रोजगार पैदा किया जाएगा और इसे देश-विदेश में निर्यात किया जाएगा। इस बयान के बाद बीजेपी ने इसे लेकर तंज कसा और सोशल मीडिया पर जलेबी से जुड़े मीम्स की बाढ़ आ गई। एक मीम में तो जलेबियों को खेतों में उगता हुआ भी दिखाया गया है।

जलेबी का इतिहास

जलेबी का इतिहास बेहद पुराना है और इसकी जड़ें पर्शिया (अब ईरान) से जुड़ी हैं। इसे पर्शिया में “जुलबिया” कहा जाता है, जो खासतौर पर रमजान के महीने में खाई जाती थी। धीरे-धीरे यह मिठाई अरब, यूरोप और नॉर्थ अमेरिका तक पहुंच गई। लेकिन भारत में यह कैसे आई, इसका दिलचस्प इतिहास है।

कैसे भारत पहुंची जलेबी?

जलेबी का सबसे पुराना उल्लेख 10वीं शताब्दी की फ़ारसी रसोई की किताब ‘अल-तबीख’ में मिलता है, जिसमें इसकी विधि का वर्णन किया गया है। माना जाता है कि मध्यकालीन युग में फारसी व्यापारियों और मध्य-पूर्वी आक्रमणकारियों के माध्यम से जलेबी भारत पहुंची। 15वीं सदी के अंत तक जलेबी भारत के त्योहारों और शादी समारोहों का अहम हिस्सा बन गई। यहाँ तक कि इसे मंदिरों में प्रसाद के रूप में भी बांटा जाने लगा।

भारत में जलेबी की परंपराएं

भारत में जलेबी को विभिन्न रूपों में खाया जाता है। उत्तर भारत में इसे दही के साथ, मध्य भारत में पोहे के साथ, और गुजरात में फाफड़े के साथ खाने की परंपरा है। कुछ जगहों पर इसे रबड़ी या दूध में भिगोकर खाया जाता है। भारत में इसका स्वाद और रूप भले ही अलग हो, लेकिन इसका आनंद हर जगह एक जैसा है।

बीजेपी ने ली चुटकी

राहुल गांधी के जलेबी से जुड़े बयान पर बीजेपी ने चुटकी ली और इसे एक चुनावी मुद्दा बना दिया। सोशल मीडिया पर लोगों ने जलेबियों की खेती से लेकर निर्यात तक के मीम्स बनाए, जिससे यह चुनावी चर्चा का अनोखा विषय बन गया।

जलेबी की अनोखी कहानी

जलेबी, जो भारत की सबसे पसंदीदा मिठाइयों में से एक है, का इतिहास करीब 500 साल पुराना है। इसकी जड़ें ईरान से जुड़ी हैं, जहां इसे “जलाबिया” या “जुलबिया” के नाम से जाना जाता था। आइए जानते हैं जलेबी से जुड़ी कुछ खास और रोचक बातें:

जलेबी की ओरिजिन

जलेबी की उत्पत्ति ईरान की मिठाई “जलाबिया” या “जुलबिया” से मानी जाती है। इसे वहां रमजान के दौरान खासतौर पर खाया जाता था और समय के साथ यह भारत में लोकप्रिय हो गई।

पहली बार जिक्र

जलेबी का सबसे पहला उल्लेख 10वीं शताब्दी की अरबी कुकबुक ‘किताब-अल-तबीख’ में मिलता है। इस किताब में जलेबी के जैसे मीठे व्यंजन की रेसिपी दी गई है, जो तब से लोकप्रिय रही है।

भारतीय साहित्य में जलेबी

जैन लेखक जिनासुर की किताब ‘प्रियंकरनरपकथा’ में भी जलेबी जैसी मिठाई का उल्लेख मिलता है। इसके अलावा, गुप्त काल के दौरान इसे “जल्लवा” नामक मिठाई के रूप में जाना जाता था।

अरब आक्रमणकारियों के साथ आई भारत में

माना जाता है कि जलेबी को अरब आक्रमणकारियों द्वारा भारत लाया गया था। यहाँ आने के बाद यह भारतीय मिठाई संस्कृति का अहम हिस्सा बन गई।

जलेबी के नाम और स्वाद में बदलाव

भारत में जलेबी के नाम, बनाने के तरीके और स्वाद में काफी बदलाव हुए हैं। इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे:

  • उत्तर भारत में “जलेबी”
  • दक्षिण भारत में “जिलेबी”
  • महाराष्ट्र में “जिलबी”
  • बंगाल में “जिलपी”

भारत की राष्ट्रीय मिठाई

जलेबी को भारत की राष्ट्रीय मिठाई माना जाता है। चाहे त्योहार हो, शादी हो, या किसी खुशी का मौका हो, जलेबी हर बार भारतीय मिठाइयों की मेज़ सजाती है।

अलग अलग प्रकार की जलेबी

आमतौर पर जलेबी को सादा खाया जाता है, लेकिन छेना जलेबी और खोया जलेबी भी बहुत पसंद की जाती हैं। यह मिठाई हर जगह अपनी मिठास से लोगों का दिल जीतने में कामयाब रही है।

Share

The post History Of Jalebi: सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रही है जलेबी, राहुल गांधी के बयान पर BJP ने ली चुटकी, जानिए जलेबी का इतिहास appeared first on bhadas2media.

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *